दलित व्यक्ति की हत्या के मामले में गवाहो को डरा रही हैं पुलिस
Indian
मंगलवार, सितंबर 15, 2015
दलितो पर अपराध
,
नीरज हत्या कांड
,
Atrocities on Dalits
,
crime against dalits
,
dalits of up
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साथियो पिछले दिनों मैने रायबरेली के लालगंज रेल कोच फैक्टरी के सामने दबंग ठाकुरों द्वारा मारे गए नीरज के बारे में बताया था। 1 सितम्बर को नीरज की मौत और 2 सितम्बर 2015 को दर्ज FIR के बावजूद आज 14 सितम्बर तक किसी भी हत्यारे को पुलिस ने छुआ तक नही। पुलिस के रवैये का परिणाम तय था। आज फिर कुछ आरोपी पक्ष के लोगों द्वारा पीड़ित के गांव में जाकर गवाहों को धमकी दी गयी। ऐसा दोबारा हुआ है। पहली बार दी गयी धमकी के बाद पुलिस को सुचना दी गयी थी पर पुलिस ने कोई भी सकारात्मक कदम नही उठाया।
अपने एक बेटे को खोने के बाद परिवार अब तक सदमे से बाहर नही निकल पाया है और इस तरह की घटनाएं उनका और गवाहों का मनोबल तोड़ रही हैं। समाज का एक ताकतवर वर्ग दलितों और पिछडो को शायद इंसान समझता ही नही है तभी तो उस हत्यारे को बचाने के लिये पुलिस से लेकर नेता तक अपना जमीर बेच चुके हैं।पीड़ित पक्ष की मदद को न कोई जनप्रतिनिधि आया न ही कोई हिन्दुओ का ठेकेदार। मुझे याद है कि जब भी कभी मुस्लिमो से कोई छोटा सा झगड़ा भी हुआ तो RSS और विहिप के नेता वहां पहुच जाते हैं पर आज उस दलित परिवार के साथ खड़ा होने वाला कोई नही है।
राज्य ने BJP को 21 दलित सांसद दिए हैं लेकिन उनमें से कोई भी दलितों पर हो रहे अत्याचारों के बारें में आवाज़ नहीं उठा रहा हैं। देश का बिकाऊ मीडिया जो एक सीना बोरा हत्या कांड को इतनी तबज़्ज़ो देता हैं जैसे की देश में सिर्फ वही अपराध हुआ हैं।
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