IIT में ऐडमिशन के बाद भी परेशान हैं दलित, एसटी और पिछड़े छात्र
Indian
गुरुवार, अगस्त 06, 2015
discrimination against dalits
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iit expels 73 students
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iit rorkee student agitation
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sc/st students in iit
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भारतीय प्रौधोगिकी संस्थान, रुड़की (IIT Rorkee) के प्रथम बर्ष के 72 छात्रों को पिछले महीने निष्कासित कर दिया गया था। पहली बार किसी एक बैच के सबसे ज्यादा संख्या में छात्रों के खिलाफ यह ऐक्शन लिया गया। ये स्टूडेंट्स परीक्षा में न्यूनतम पासिंग ग्रेड पाने में भी नाकाम रहे थे। अब इन्हें एक मौका और दिया गया है। इन्हें अभी प्रोबेशन पर रखा गया है। यदि ये स्टूडेंट्स फर्स्ट इयर के सारे पेपर्स इस बार भी क्लियर नहीं करते हैं और क्यूम्यलेटिव ग्रेड पॉइंट एवरेज(सीजीपीए) 5.0 से ऊपर (10 के स्केल पर कम से कम 55 पर्सेंट) नहीं लाते हैं तो ये फेल होंगे और अगले साल फिर से निष्कासित कर दिए जाएंगे। ऐसा कोई कैंपस नहीं है जहां इस तरह से नतीजे के लिए शर्त रखनी पड़ी हो।
आईआईटी के प्रफेसर, स्टूडेंट्स और प्रशासक से बातचीत के जरिए इंडियन एक्सप्रेस ने एक पड़ताल की। इस पड़ताल के जरिए कई चीजें सामने आईं। ज्यादातर ये स्टूडेंट्स रिजर्व कैटिगरी (एससी, एसटी और ओबीसी) से हैं। इन्हें आईआईटी-जेईई 2014 (अडवांस्ड) की मुश्किल प्रवेश परीक्षा में संबंधित कैटिगरी में औसत रैंक मिले थे। जब इन्होंने आईआईटी में पढ़ाई शुरू की तो कई वजहों से लड़खड़ाने लगे। कमजोर इंग्लिश (लिखने और बोलने दोनों में) के कारण इनका आत्मविश्वास लगातार फिसलता गया और कम्युनिकेशन स्किल के मामले में भी ये पिछड़ते गए। इस वजह से कैंपस के माहौल में इन्हें खुद को समाने या फिट करने में बहुत मुश्किल होती है। आईआईटी के एक प्रफेसर ने कहा, 'यह एक अहम सबक है कि आईआईटी में स्टूडेंट्स बाढ़ की तरह आ रहे हैं लेकिन कैंपस निर्माण और फैकल्टी आकर्षित करने की प्रक्रिया लगातार कमजोर पड़ रही है।
रुड़की में फर्स्ट इयर के स्टूडेंट्स की जांच के ऑफिशल रिकॉर्ड कुछ इस तरह हैं- कुल 1002 स्टूडेंट्स हैं। आईआईटी रूड़की में जो छात्र फेल हुए हैं उनमें 90 पर्सेंट रिजर्व कैटिगरी एससी, एसटी और ओबीसी से हैं। इनमें से 49 ऐसे स्टूडेंट्स हैं जिनका ऐडमिशन सबसे अच्छे माने जाने वाले स्ट्रीम में हुआ। इनमें से 3 कंप्यूटर सायेंस, 10 इलेक्ट्रॉनिक्स, 12 इलेक्ट्रिकल, 7 केमिकल, 3 मेकेनिकल और सबसे ज्यादा 14 लोगों का सिविल इंजिनियरिंग में ऐडमिशन हुआ था। इसका मतलब यह हुआ कि इन छात्रों ने अपनी कैटिगरी (जेनरल, एससी, एसटी और ओबीसी) में बेहतर किया था तभी इन विभागों में दाखिला मिला।
आईआईटी के प्रफेसर, स्टूडेंट्स और प्रशासक से बातचीत के जरिए इंडियन एक्सप्रेस ने एक पड़ताल की। इस पड़ताल के जरिए कई चीजें सामने आईं। ज्यादातर ये स्टूडेंट्स रिजर्व कैटिगरी (एससी, एसटी और ओबीसी) से हैं। इन्हें आईआईटी-जेईई 2014 (अडवांस्ड) की मुश्किल प्रवेश परीक्षा में संबंधित कैटिगरी में औसत रैंक मिले थे। जब इन्होंने आईआईटी में पढ़ाई शुरू की तो कई वजहों से लड़खड़ाने लगे। कमजोर इंग्लिश (लिखने और बोलने दोनों में) के कारण इनका आत्मविश्वास लगातार फिसलता गया और कम्युनिकेशन स्किल के मामले में भी ये पिछड़ते गए। इस वजह से कैंपस के माहौल में इन्हें खुद को समाने या फिट करने में बहुत मुश्किल होती है। आईआईटी के एक प्रफेसर ने कहा, 'यह एक अहम सबक है कि आईआईटी में स्टूडेंट्स बाढ़ की तरह आ रहे हैं लेकिन कैंपस निर्माण और फैकल्टी आकर्षित करने की प्रक्रिया लगातार कमजोर पड़ रही है।
रुड़की में फर्स्ट इयर के स्टूडेंट्स की जांच के ऑफिशल रिकॉर्ड कुछ इस तरह हैं- कुल 1002 स्टूडेंट्स हैं। आईआईटी रूड़की में जो छात्र फेल हुए हैं उनमें 90 पर्सेंट रिजर्व कैटिगरी एससी, एसटी और ओबीसी से हैं। इनमें से 49 ऐसे स्टूडेंट्स हैं जिनका ऐडमिशन सबसे अच्छे माने जाने वाले स्ट्रीम में हुआ। इनमें से 3 कंप्यूटर सायेंस, 10 इलेक्ट्रॉनिक्स, 12 इलेक्ट्रिकल, 7 केमिकल, 3 मेकेनिकल और सबसे ज्यादा 14 लोगों का सिविल इंजिनियरिंग में ऐडमिशन हुआ था। इसका मतलब यह हुआ कि इन छात्रों ने अपनी कैटिगरी (जेनरल, एससी, एसटी और ओबीसी) में बेहतर किया था तभी इन विभागों में दाखिला मिला।
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