फूलन देवी का जन्म दिन हैं आज !!
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फूलन देवी |
फूलन देवी यानी बैंडिट क्वीन का जन्म 10 अगस्त 1963 में उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के गोहरा के पुरवा गांव में हुआ था। मल्लाह जाति की फूलन को बचपन से ही सवर्ण जाति के लोगों के शोषण का शिकार होना पड़ा। महज 11 साल की उम्र में उसकी शादी 30 साल के पुत्ती लाल से कर दी गई। पुत्ती लाल उससे अमानवीय व्यवहार करता था। तंग आकर वह भागकर अपने मायके चली आई। यहां एक दिन मुखिया के बेटे ने अपने साथियों के साथ उसके घर में घुसकर बंदूक की नोक पर गैंगरेप किया। बहुत तरह की प्रताड़ना और कष्ट झेलने के बाद फूलन देवी का झुकाव डकैतों की तरफ हुआ था। धीरे धीरे फूलनदेवी ने अपने खुद का एक गिरोह खड़ा कर लिया और उसकी नेता बनीं।
गिरोह बनाने से पहले गांव के कुछ लोगों ने कथित तौर पर फूलन के साथ दुराचार किया। इसी का बदला लेने की मंशा से फूलन ने बीहड का रास्ता अपनाया। डकैत गिरोह में उसकी सर्वाधिक नजदीकी विक्रम मल्लाह से रही। माना जाता है कि पुलिस मुठभेड में विक्रम की मौत के बाद फूलन टूट गई। आमतौर पर फूलनदेवी को डकैत के रूप में की तरह गरीबों का पैरोकार समझा जाता था।
बता दे कि 22 दिन तक 22 ठाकुरों ने फूलन देवी के साथ गैंगरेप किया। सबसे पहली बार (1981) में वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियों में तब आई जब उन्होने कानपुर देहात जिले के बेहमई गाँव में ऊँची जातियों के 22 लोगों का एक साथ नरसंहार किया। जिन्होने उनके साथ बलात्कार किया था । लेकिन बाद में उन्होने इस नरसंहार से इन्कार कर दिया था। बाद में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकार तथा प्रतिद्वंदी गिरोहों ने फूलन को पकड़ने की बहुत सी नाकाम कोशिशे की। इंदिरा गाँधी की सरकार ने (1983) में उनसे समझौता किया की उसे (मृत्यु दंड) नहीं दिया जायेगा और उनके परिवार के सदस्यों को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया जायेगा और फूलनदेवी ने इस शर्त के तहत अपने दस हजार समर्थकों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
बिना मुकदमा चलाये ग्यारह साल तक जेल में रहने के बाद फूलन को 1994 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने रिहा कर दिया। ऐसा उस समय हुआ जब दलित लोग फूलन के समर्थन में गोलबंद हो रहे थे और फूलन इस समुदाय के प्रतीक के रुप में देखी जाती थी। फूलन ने अपनी रिहाई के बौद्ध धर्म में अपना धर्मातंरण किया। 1996 में फूलन ने उत्तर प्रदेश के भदोही सीट से (लोकसभा) का चुनाव जीता और वह संसद पहुँची। 25 जुलाई सन 2001 को दिल्ली में शेर सिंह राणा नाम के एक व्यक्ति ने उनके आवास पर फूलन की हत्या कर दी । उसके परिवार में सिर्फ़ उसके पति उम्मेद सिंह हैं।
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