देश को आज़ाद हुए 65 बर्ष से ज्यादा हो गए हैं लेकिन दलित एवं आदिवासियों को आज़ादी मिलने में पता नहीं कितना वक़्त और लगेगा। हर रोज़ देश के किसी न किसी हिस्से से दलितों की हत्या की खबर आती रहती हैं।
यह घटना राजस्थान की हैं। अलवर जिले के रामगढ़ के चिड़वई गांव में अपने ही खेत में मिट्टी उठाने से मना करने पर दबंगों ने जेसीबी चढ़ाकर एक दलित व्यक्ति की हत्या कर दी। राज्य में दिसंबर 2013 में सत्ता परिवर्तन के बाद से दलितों के खिलाफ हत्या एवं अपराधो की संख्या में वृद्धि हुई हैं। गौर करने वाली बात ये हैं के राज्य में 35 से अधिक दलित MLA हैं जो सभी भारतीय जनता पार्टी से हैं। इस से पहले भी इसी साल मई में राजस्थान के नागौर जिले में 3 दलितों को जाटों ने ट्रैक्टरों से कुचल दिया गया था।
रूपारेल नदी के किनारे बसे चिड़वई गांव के खेत से पड़ोसी गांव मिलकपुर के रहने वाले फजरु रुक्कू, जमशेद और मौसम जेसीबी लेकर मिट्टी का अवैध खनन कर रहे थे। चिड़वई के रहने वाले सूरज जाटव को इसका पता लगने पर साथियों के साथ मिट्टी खनन नहीं करने की कहने पहुंचा तो दबंगों ने जेसीबी पीछे दौड़कर उसकी हत्या कर दी। अलवर के सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
लोगों ने पुलिस पर हफ्ता वसूली का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस खुले में वसूली करती है और अवैध खनन करवाती है। जिससे अपराधियों के हौसले बुलन्द हैं और आरोपियों की गिरफ्तारी होने कर शव को रामगढ़ थाने में रखकर प्रदर्शन करने की बात कही। पुलिस ने फजरु और रुक्कु को गिरफ्तार करने की बात कही हैं।
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