दबंगों के डर की वजह से गांव नहीं जा पा रहे पीड़ित दलित
Indian
शनिवार, जुलाई 18, 2015
कुंवरलाल अहिरवार
,
भिटौरा गांव
,
Atrocities on Dalits
,
crime against dalits
,
dalits of up
,
jhansi dalit beaten
,
rampal ahirwar
कोई टिप्पणी नहीं
झांसी में बीते 26 जून को हुए दलित उत्पीड़न के मामले में शुक्रवार को पीड़ित महिलाओं ने डीआईजी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की अभी तक जांच नहीं कर सकी है। ऐसे में दबंगों के डर से दलित परिवार अपने गांव नहीं जा पा रहे हैं। बता दें कि गांव में एक दलित युवक की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में दो भाई चश्मदीद गवाह हैं। उनके गवाही देने की बात से नाराज दबंगों ने पूरे गांव के सामने उनकी जमकर पिटाई की थी। यही नहीं, उनके प्राइवेट पार्ट पर कई बार हमला किया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया था। मेडिकल रिपोर्ट में भी मारपीट की पुष्टि हो गई थी। इसके बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।
मामला झांसी से करीब 50 किमी दूर सकरार थानाक्षेत्र का है। 3000 की आबादी वाले भिटौरा गांव में पहले भी दलित उत्पीड़न और उनकी हत्या के मामले सामने आ चुके हैं। साल 2004 में आरोपी दबंगों ने एक दलित युवक की हत्या कर की थी। इस मामले में सगे भाई कुंवरलाल अहिरवार और रामपाल अहिरवार मुख्य गवाह हैं। हत्या का मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
बताया जा रहा है कि कुछ दिन में दोनों भाइयों की कोर्ट में गवाही होने वाली थी। आरोपी का बेटा दोनों को गवाही देने से रोक रहा था। साथ ही बात नहीं मानने पर देख लेने की धमकी दी थी। 26 जून की शाम एक कार में सवार होकर आरोपी अनिल यादव अपने कुछ साथियों के साथ दलित भाइयों के घर पहुंच गया। इसके बाद उन्हें परिवार सहित बंधक बना लिया और लाठी-डंडों से पिटाई की। फिर बंदूक की बट से प्राइवेट पार्ट सहित शरीर के अन्य हिस्सों पर कई वार किए। इतना ही नहीं, घर की महिलाओं को पैर से मारा और जातिसूचक गालियां दी।
रामपाल के बेटे अभिषेक के मुताबिक, दबंग उसके पिता को सड़क पर घसीट कर ले गए। फिर लाठी-डंडों और लात-घूंसों से जमकर पिटाई की। इसके बाद बंदूक की बट से उनके प्राइवेट पार्ट पर हमला किया। उसके चाचा कुंवरलाल एक पैर से विकलांग हैं, दबंगों ने उनके उसी पैर पर लाठी से हमला किया। दोनों का झांसी के अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें गंभीर चोटें आई हैं।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें
(
Atom
)
कोई टिप्पणी नहीं :
टिप्पणी पोस्ट करें