दबंगों का कहर, सरिया से पीटने के बाद गर्भवती दलित महिला से रेप की कोशिश
Indian
शुक्रवार, जून 26, 2015
beating of dalit women
,
crime against dalits
,
crime against dalits in up
,
rape with dalit women
कोई टिप्पणी नहीं
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में दलितों पर दबंगों के अत्याचार की घटनाएं थम नहीं रही हैं। ताजा मामले में रक्सा इलाके में एक दलित के घर घुसकर गर्भवती महिला से रेप की कोशिश और उसके कपड़े फाड़ने का आरोप दबंगों पर लगा है। बताया जा रहा है कि कुछ रकम वापसी को लेकर वारदात हुई। पीड़ित परिवार के मुताबिक दबंगों ने तमंचे से फायर भी किया और फरार हो गए। आरोप ये भी है कि पुलिस ने मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और एफआईआर की कॉपी भी नहीं दी। न ही मेडिकल कराया। वहीं, रक्सा थाने के इंचार्ज घटना को फर्जी बता रहे हैं।
घटना रक्सा के सारमऊ गांव में हुई है। इस गांव में दलितों के कुछ ही परिवार हैं। इन्हीं में से एक सुनील नाम के शख्स का आरोप है कि उसकी पत्नी, भाई भूरा और भाई की पत्नी खेत पर गए थे। खेत में बनी झोपड़ी में ये सभी थे, जब गांव के कुछ दबंग आए और उन्हें सरिया से पीटने लगे। विरोध करने पर सुनील की गर्भवती पत्नी के कपड़े फाड़ दिए और रेप की कोशिश की। इसमें नाकाम रहने पर फायर किया और भाग गए। सुनील के मुताबिक सरिए से जमकर हुई पिटाई की वजह से तीनों को गंभीर चोटें लगी हैं।
दबंगों को लौटानी है रकम
सुनील के मुताबिक दबंगों को कुछ रकम लौटानी है। उसने दो दिन बाद रकम लौटाने की बात कही थी। जिसके बाद ये वारदात हुई। सुनील और उसके परिवार ने एसएसपी किरण एस से न्याय की गुहार लगाई है। वहीं, रक्सा थाने के प्रभारी रामबाबू, एफआईआर लिखे जाने के बावजूद घटना को फर्जी बता रहे हैं। उनके मुताबिक घटना नहीं हुई है और पैसे के लेन-देन के मामले की वजह से गलत इल्जाम लगाए जा रहे हैं। सवाल ये है कि अगर घटना नहीं हुई है तो पुलिस ने पीड़ितों का मेडिकल परीक्षण क्यों नहीं कराया। मेडिकल परीक्षण होने पर उनकी पिटाई के आरोपों की पुष्टि हो सकती है।
दलित उत्पीड़न की लगातार घटनाएं
इससे पहले बुंदेलखंड में दलित उत्पीड़न के कई मामले सामने आ चुके हैं। सिमरधा गांव में दबंगों ने दलित परिवार को घर से भगा दिया था। उन्हें जंगल में शरण लेनी पड़ी थी। वहीं, रक्सा में ही दबंगों ने युवक के प्राइवेट पार्ट पर कपड़ा बांध कर आग लगा दी थी और उसे मल-मूत्र भी खिलाया था। वहीं, सीपरी बाजार के एक गांव में मजदूरी मांगने पर दलित युवकों को बंधक बनाकर पीटते हुए जानवरों के इंजेक्शन लगा दिए थे। इसके अलावा, जालौन में शादी समारोह में साथ में खाना खाने पर दलित की नाक काट दी थी। वहीं, हमीरपुर में जाति का पता चलने पर नाई ने दलित की आधी शेविंग कर उसे अपमानित कर भगा दिया था।

दबंगों को लौटानी है रकम
सुनील के मुताबिक दबंगों को कुछ रकम लौटानी है। उसने दो दिन बाद रकम लौटाने की बात कही थी। जिसके बाद ये वारदात हुई। सुनील और उसके परिवार ने एसएसपी किरण एस से न्याय की गुहार लगाई है। वहीं, रक्सा थाने के प्रभारी रामबाबू, एफआईआर लिखे जाने के बावजूद घटना को फर्जी बता रहे हैं। उनके मुताबिक घटना नहीं हुई है और पैसे के लेन-देन के मामले की वजह से गलत इल्जाम लगाए जा रहे हैं। सवाल ये है कि अगर घटना नहीं हुई है तो पुलिस ने पीड़ितों का मेडिकल परीक्षण क्यों नहीं कराया। मेडिकल परीक्षण होने पर उनकी पिटाई के आरोपों की पुष्टि हो सकती है।
दलित उत्पीड़न की लगातार घटनाएं
इससे पहले बुंदेलखंड में दलित उत्पीड़न के कई मामले सामने आ चुके हैं। सिमरधा गांव में दबंगों ने दलित परिवार को घर से भगा दिया था। उन्हें जंगल में शरण लेनी पड़ी थी। वहीं, रक्सा में ही दबंगों ने युवक के प्राइवेट पार्ट पर कपड़ा बांध कर आग लगा दी थी और उसे मल-मूत्र भी खिलाया था। वहीं, सीपरी बाजार के एक गांव में मजदूरी मांगने पर दलित युवकों को बंधक बनाकर पीटते हुए जानवरों के इंजेक्शन लगा दिए थे। इसके अलावा, जालौन में शादी समारोह में साथ में खाना खाने पर दलित की नाक काट दी थी। वहीं, हमीरपुर में जाति का पता चलने पर नाई ने दलित की आधी शेविंग कर उसे अपमानित कर भगा दिया था।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें
(
Atom
)
कोई टिप्पणी नहीं :
टिप्पणी पोस्ट करें