लम्बे संघर्ष के बाद मिला दलित महिला सरपंच को मिला झंडा फैराने का अधिकार
Indian
रविवार, अगस्त 16, 2015
बादामी बाई
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बादामी बाई |
बीते चार साल से मुरैना जिले की पुरावसकलां में दबंग लोग बादामी को स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस समारोह में झंडा फहराने का मौका नहीं दे रहे थे, लेकिन इस बार के रक्षाबंधन के मौके पर भोपाल पहुंचकर सरपंच बादामी बाई ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी बांधी और अपनी व्यथा सुना डाली।
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बादामी बाई धरने पर बैठी हुई |
इससे पहले वो कई बार अपने अधिकार के लिए धरना और भूक हड़ताल पर बैठ चुकी हैं लेकिन उन्हें अपना हक पाने में 4 साल का वक्त लग गया।
बादामी देवी ने मुरैना डीएम से लेकर भारतीय मानवाधिकार आयोग तक से शिकायत कर अपना अधिकार मांगा था। शानिवार को प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में बादामी बाई ने झंडा फहराया।
पिछले वर्षों में वह सरकारी विद्यालय में आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में जाती थी लेकिन बैठने को कुर्सी तक नहीं दी जाती थी, गांव के प्रभावशाली लोग झंडा फहराते थे, आज वह बेहद खुश है क्योंकि उसे अपना अधिकार मिल गया है।
बादामी बाई का संघर्ष सभी दलित और आदिवासी महिला और पुरुष सरपंचो के लिए एक मिसाल की तरह हैं जिनको ऊँची जाती के लोग उनका ज़रूरी अधिकार नहीं देते हैं।
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